• पाठ्यक्रम
  • विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नेट - मनोविज्ञान

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नेट - मनोविज्ञान पाठ्यक्रम

इकाई-1 मनोविज्ञान का आविर्भाव
  • कुछ प्रमुख प्राच्य पद्धतियों में मनोवैज्ञानिक चिंतन : भगवद् गीता, बौद्ध धर्म, सूफीवाद तथा समाकलित योग। भारत में शैक्षिक मनोविज्ञान : स्वतंत्रतापूर्व युग; स्वातंत्र्योत्तर युग; 1970 का दशक : सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने की ओर कदम; 1980 का दशक : स्वदेशीकरण; 1990 का दशक : रूपावली संबंधी सरोकार, विषयानुशासनात्मक पहचान का संकट : 2000 का दशक - शैक्षणिक समुदाय में भारतीय मनोविज्ञान का आविर्भाव। मुद्देः कोलोनियल इंकाउंटर; उत्तर - उपनिवेशवाद तथा मनोविज्ञान, एक पृथक विषयानुशासन होने के गुण का अभाव।
  • पाश्चात्य : यूनानी विरासत, मध्यकाल और आधुनिक काल, संरचनावाद, प्रकार्यवाद, मनोविश्लेषणात्मक, गेस्टाल्ट, व्यवहारवाद, मानतावादी–अस्तित्वपरक, परावैयक्तिक, संज्ञानात्मक परिक्रमण, बहुसंस्कृतिवाद। शैक्षणिक मनोविज्ञान के चार संस्थापक-बुंट, फायड, जेम्स, डीथे। मुद्दे प्रयोगात्मक वैश्लेषिक रूपावली (तार्किक अनुभववाद) के प्रति कठोर लगाव के फलास्वरूप मनोविज्ञान पर संकट। आधुनिक मनोविज्ञान पर भारतीय प्रभाव।
  • ज्ञानरूपावली के अनिवार्य पहलू : सत्तामीमांसा, ज्ञानमीमांसा, तथा प्रणाली विज्ञान। पाश्चात्य मनोविज्ञान की रूपावलियाँ : प्रत्यक्षवाद, उत्तर प्रत्यक्षवाद, क्रिटिकल पर्सपेक्टिव, सामाजिक रचनावाद, अस्तित्वपरक घटनाविज्ञान, तथा सहकारी जाँच। रूपावलीपरक विवाद : मनोवैज्ञानिक ज्ञान के विषय में उल्लेखनीय भारतीय रूपावलियाँ : योग, भगवद् गीता, बौद्ध धर्म, सूफीवाद और समाकलित योग। विज्ञान तथा आध्यात्मिकता (अविद्या तथा विद्या)। मनोविज्ञान में आत्मज्ञान की उत्कृष्टता।
इकाई-2 शोध प्रविधि तथा सांख्यिकी
  • शोध : अर्थ, उद्देश्य, तथा आयाम।
  • शोध समस्या, चर तथा परिचालनात्मक परिभाषाएँ, प्राक्कल्पना, नमूना-चयन।
  • शोध के संचालन और प्रतिवेदन प्रस्तुत करने में नैतिक-आचार
  • शोध की रूपावलियाँ : मात्रात्मक, गुणात्मक, शोध का मिश्रित विधि उपागम।
  • शोध की विधियाः प्रेक्षण, सर्वेक्षण [साक्षात्कार, प्रश्नावली] प्रायोगिक, अर्द्ध-प्रायोगिक, क्षेत्र अध्ययन, प्रति-सांस्कृतिक अध्ययन, घटनाविज्ञान, ग्राउण्डेड थिअरी, फोकस ग्रुप, वृत्तांत वर्णन, केस अध्ययन, नृजातिवर्णन।
  • मनोविज्ञान में सांख्यिकी : केन्द्रीय प्रवृत्ति का मापन और प्रकीर्णन, सामान्य प्रायिकता वक्र, प्राचलिक [टी-टेस्ट] तथा गैर-प्राचालिक टेस्ट्स [साइन टेस्ट, विलकॉक्सन साइंड रैंक टेस्ट, मैन, व्हिटने टेस्ट, क्रुस्कल, वैलिस टेस्ट, फ्रिडमैन]। पावर एनालिसिस एफेक्ट साइज।
  • सहसंबंधपरक विश्लेषण : सहसंबंध [गुणन-आघूर्ण, कोटि-क्रम], आंशिक सहसंबंध, बहुलसहसंबंध।
  • सहसंबंध की विशेष विधियाँ : द्विपंक्तिक, प्वायंट द्विपांक्तिक, चुतष्कोष्ठि, फी गुणांक।
  • प्रतिगमन : साधारण रेखीय प्रतिगमन, बहुप्रतिगमन
  • फैक्टर विश्लेषण : अनुमान, विधियाँ, क्रमावर्तन तथा, निर्वचन।
  • प्रायोगिक अभिकल्प : अनोवा [एकतरफा, फैक्टोरियल] यादृच्छिक ब्लाक अभिकल्प, पुनरावृत्त मापन अभिकल्प, लेटिन स्क्वायर, कोहर्ट स्टडीज, टाइम सिरीज, मैनोवा, एनकोवा, एकल-विषय अभिकल्प
इकाई-3 मनोवैज्ञानिक परीक्षण
  • परीक्षणों के प्रकार
  • परीक्षण संरचना : मद–लेखन, मद विश्लेषण
  • परीक्षण का मानकीकरण: विश्वसनीयता, वैधता तथा मानदण्ड
  • परीक्षण करने के क्षेत्र : बुद्धि, सृजनात्मकता, तांत्रिकामनोवैज्ञानिक परीक्षण, अभिक्षमता, व्यक्तित्व निर्धारण, इंटरेस्ट इवेंट्री।
  • अभिवृत्ति मापने के पैमाने : शब्दार्थ विभेदक, स्टैपुल्स, लिकर्ट स्केल।
  • कंप्यूटर आधारित मनोवैज्ञानिक परीक्षण।
  • विभिन्न विन्यासों में मनोवैज्ञानिक परीक्षण का अनुप्रयोग : निदानात्मक संगठनात्मक और व्यवसाय, शिक्षा परामर्श, सेना, जीविका मार्गदर्शन
इकाई-4 व्यवहार का जैविक आधार
  • संवेदी तंत्रः सामान्य तथा विशिष्ट संवेदन, ग्राही और प्रक्रियाएँ
  • तंत्रिका कोशिकाएँ : संरचना, कार्य, प्रकार, तंत्रिकीय आवेग, अंतर्ग्रथनी संचरण, तंत्रिकीय संचारक केंद्रीय तथा परिधीय तंत्रिका तंत्र – संरचना तथा कार्य। तंत्रिकीय सुघट्यता
  • शरीर क्रियात्मक मनोविज्ञान की विधियाँ : इंवेसिव विधियाँ - शरीरीय विधि, अपभ्रंसन तकनीकें, विक्षत तकनीकें, रासायनिक विधियाँ, सूक्ष्म-इलेक्ट्रोड अध्ययन, गैर-इंवेसिव विधियाँ - ई ई जी, स्कैनिंग विधियाँ
  • पेशी एवं ग्रंथि तंत्रः प्रकार एवं कार्य
  • अभिप्रेरण के जैविक आधार : भूख, प्यास, निद्रा, तथा संभोग।
  • संवेग के जैविक आधारः उपवल्कुटीय तंत्र, व्यवहार का हार्मोन द्वारा नियंत्रण।
  • आनुवंशिकता तथा व्यवहारः गुणसूत्रीय विसंगतताएँ, प्रकृति-पालन पोषण वादविवाद [विन स्टडीज तथा एडॉप्शन स्टडीज]
इकाई-5 अवध्यान, प्रत्यक्षण, अधिगम, स्मृति तथा विस्मरण
  • ध्यान : ध्यान के स्वरूप, ध्यान के मॉडल्स
  • प्रत्यक्षण :
  • प्रत्यक्षण के अध्ययन के उपागम : गेस्टाल्ट तथा शारीरिक उपागम
  • प्रत्यक्षणात्मक संगठन : गेस्टाल्ट, आकृति-पृष्ठभूमि, संगठन के नियम
  • प्रत्यक्षणात्मक स्थैर्य : आमाप, आकार तथा रंग; भ्रम
  • अभिरूप, गहराई तथा गति का प्रत्यक्षण
  • प्रत्यक्षण में अभिप्रेरणा तथा अधिगम की भूमिका
  • संकेत अनुसंधान का सिद्धांत : अवधारणाएँ तथा अनुप्रयोग
  • ऊर्ध्वपातन प्रत्यक्षण तथा संबंधित कारक, प्रत्यक्षण का सूचना प्रक्रमण उपागम, संस्कृति तथा प्रत्यक्षण, प्रत्यक्षणात्मक शैलियाँ, पैटर्स की पहचान, प्रत्यक्षण पर पारिस्थितिकीय दृष्टिकोण
  • अधिगम प्रक्रिया :
  • मूलभूत सिद्धांत : थार्नडिक, गुश्री, हल
  • शास्त्रीय अनुकूलन : पद्धति, दृश्य घटना तथा संबंधित मुद्दे
  • नैमित्तिक अधिगम :दृश्यघटना रूपावलियाँ तथा सैद्धंतिक मुद्दे;
  • पुनर्बलन : आधारभूत परिवर्त्य तथा अनुसूचियाँ, व्यवहार आशोधन और इसके अनुप्रयोग
  • अधिगम में संज्ञानत्मक उपागम : अव्यक्त अधिगम, प्रेक्षणात्मक अधिगम
  • वाचिक अधिगम तथा विभेदात्मक अधिगम
  • अधिगम के क्षेत्र में नवीन प्रवृत्तियाँ : अधिगम का तंत्रिका तंत्र का शरीर विज्ञान
  • स्मृति एवं विस्मरण :
  • स्मृति प्रक्रिया : कूट संकेतन, भण्डारण, प्रतिनयन
  • स्मृति की अवस्थाएँ : संबेदी स्मृति, अल्पकालिक स्मृति (कार्यात्मक स्मृति), दीर्घकालिक स्मृति (ज्ञापक–घटनाजन्य तथा शब्दार्थ विषयक कार्यविधिक)
  • विस्मरण के सिद्धान्त : व्यतिकरण, प्रतिनयन-विफलता, ह्रास, अभिप्रेरित विस्मरण
इकाई-6 चिंतन, बुद्धि तथा सृजनात्मकता
  • विचार–प्रक्रम पर सैद्धांतिक दृष्टिकोण : साहचर्यवाद, गेस्टाल्ट, सूचना प्रक्रमण, फीचर इंटेग्रेशन मॉडल
  • संप्रत्यय निर्माण : नियम, प्रकार, तथा कार्यनीतियाँ; चिंतन में संप्रत्यय की भूमिका
  • तर्कना के प्रकार
  • भाषा और विचार
  • समस्या समाधान : प्रकार, कार्यनीतियाँ तथा अवरोध
  • निर्णयन : प्रकार तथा मॉडल्स
  • मेटासंज्ञान : मेटा संज्ञानात्मक ज्ञान तथा मेटासंज्ञानात्मक नियमन
  • बुद्धि : स्पियरमैन, थर्सटोन, जेन्सेन, कैट्टेल, गार्डनर, स्टेनबर्ग, गोलमैन, दास, कार, पर्रिला
  • सृजनात्मकता : टॉरेंस, गेजे तथा जैकसन, गुइफोर्ड, वैलेख और कोगन
  • बुद्धि और सृजनात्मकता के बीच संबंध
इकाई-7 व्यक्तित्व, अभिप्रेरण, संवेग, दवाब, तथा समायोजन
  • व्यक्तित्व के निर्धारक तत्त्वः जैविक तथा सामाजिक-सांस्कृतिक
  • व्यक्तित्व के अध्ययन के उपागमः मनोविश्लेषात्मक, नव-फ्रायडवादी, सामाजिक शिक्षा, विशेषक तथा प्रकार, संज्ञानात्मक, मानववादी, अस्तित्वपरक, परावैयक्तिक मनोविज्ञान
  • अन्य सिद्धान्तः रोटर का ‘लोकस ऑफ कंट्रोल', सेलिग्मैन का ‘एक्सप्लेटोरी स्टाइल्स', कोहलबर्ग का थियरी ऑफ मोरल डेवलपमेंट।
  • आधारभूत अभिप्रेरणात्मक संकल्पनाएँ : मूलप्रवृत्तियाँ, आवश्यकताएँ, अंतर्नाद, उत्तेजना, प्रलोभन, अभिप्रेरण-चक्र।
  • अभिप्रेरण के अध्ययन के उपागमः मनोविश्लेषणात्मक, जीव पारिस्थितिकीय, एस-आर संज्ञातात्मक, मानववादी
  • गवेषणात्मक व्यवहार तथा जिज्ञासा
  • जुकरमैन द्वारा वर्णित संवेदना की तलाश का विशेषक
  • उपलब्धि, एफिलिएशन तथा पावर
  • अभिप्रेरणपरक अभिक्षमता
  • स्वयं-नियंत्रण
  • प्रवाह
  • संवेग : शरीरक्रियात्मक सहसंबंधक
  • संवेग के सिद्धांतः जेम्स लांगे, कैनन बार्ड, शैक्टर ऐड सिंगर, लाजेरेस, लिंडस्ले
  • संवेग नियमन
  • संघर्षः स्रोत तथा प्रकार
  • तनाव तथा तनाव का सामनाः संकल्पना, माडल, ए, बी, सी, डी प्रकार के व्यवहार, तनाव प्रबन्धन की कार्य नीतियां [बायो-फीड-बैक, संगीत चिकित्सा, प्राणायाम, प्रगामी पेशीय विश्रांति, निर्देशित बिम्ब विधान, सचेतता, मनन, योगासन, तनाव निवारक प्रशिक्षण
इकाई-8 सामाजिक मनोविज्ञान
  • सामाजिक मनोविज्ञान की प्रकृति, विषयक्षेत्र तथा इतिहास
  • पारंपरिक सैद्धांतिक दृष्टिकोण : क्षेत्र सिद्धांत, संज्ञानात्मक विसंगतता, समाज-जैविकी, मनोगतिक उपागम, सामाजिक संज्ञान।
  • सामाजिक प्रत्यक्षण [संप्रेषण, गुणारोपण]; अभिवृति, और सांस्कृतिक संदर्भ के अंतर्गत इसका परिवर्तन; प्रसामाजिक व्यवहार
  • समूह तथा सामाजिक प्रभाव [सामाजिक सुकरीकरण, सामाजिक आवारगी]; सामाजिक प्रभाव [समनुरूपता, मित्र समूह का दवाब, अनुनय, अनुपालन, आज्ञापालन, सामाजिक अधिकार, प्रतिक्रिया]। आक्रामकता।
  • समूह गतिकी, नेतृत्व की शैलियाँ तथा प्रभावशीलता। अंतर-समूह संबंध के सिद्धांत [अल्पतम समूह प्रयोग सामाजिक पहचान सिद्धांत, सापेक्ष वंचन सिद्धांत, यथार्थवादी संघर्ष सिद्धांत, संतुलन सिद्धांत, समता सिद्धांत, सामाजिक विनिमय सिद्धांत]
  • अनुप्रयुक्त सामाजिक मनोविज्ञान : स्वास्थ्य, पर्यावरण तथा कानून, वैयक्तिक स्पेस, भीड़भाड, तथा प्रादेशिकता
इकाई-9 मानव विकास तथा अंतःक्षेप
  • विकासात्मक प्रक्रम : प्रकृति, सिद्धांत, विकास में विकासात्मक प्रक्रम की अवस्थाएँ, सफल जरण।
  • विकास के सिद्धांत : मनोविश्लेषणात्मक, व्यवहारवादी तथा संज्ञानात्मक
  • विकास के विविध पहलू : संवेदी गतिक, संज्ञानात्मक, भाषा, संवेगात्मक, सामाजिक तथा नैतिक।
  • मनोविकृति विज्ञान : संकल्पना, मानसिक स्थिति की जाँच, वर्गीकरण, कारण।
  • मनश्चिकित्सा : मनोविश्लेषण, व्यक्ति केन्द्रित, गेस्टाल्ट, अस्तित्वपरक, स्वीकृति प्रतिबद्धता चिकित्सा, व्यवहार चिकित्सा, आर ई बी टी, सी बी टी, एम बी सी टी, क्रीड़ा-चिकित्सा, सकारात्मक मनश्चिकित्सा, संव्यवहार विश्लेषण, द्वंद्वात्मक व्यवहार चिकित्सा, कलाचिकित्सा, प्रदर्शन-कला चिकित्सा, परिवारपरक चिकित्सा।
  • विद्यालय में अभिप्रेरण तथा अधिगम के सिद्धांतों का अनुप्रयोग
  • शैक्षिक उपलब्धियों से जुड़े कारक
  • अध्यापक प्रभावशीलता
  • विद्यालय में मार्गदर्शन : आवश्यकता, संगठनात्मक विन्यास तथा तकनीकें
  • परामर्श कार्य : प्रक्रम, कौशल तथा तकनीकें
इकाई-10 उभरते हुए नवीन क्षेत्र
  • लिंग, गरीबी, अंपगता, तथा प्रवसन के मुद्देः सांस्कृतिक पक्षपात तथा भेद-भाव। लांछन, पार्शीकरण तथा सामाजिक यंत्रणा, बाल उत्पीड़न तथा घरेलू हिंसा।
  • शांति मनोविज्ञान : हिंसा, अहिंसा, मोटे स्तर पर संघर्ष समाधान, संघर्ष समाधान में संचारमाध्यमों की भूमिका
  • सुखशांति और स्वसंवृद्धिः सुख-शांति के प्रकार [सुखवादी तथा आत्मानंदवादी], चारित्रिक बल, स्थिति-स्थापन तथा अभिघात-उपरान्त विकास।
  • स्वास्थ्य : स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और स्वास्थ्य के साथ समझौता करने से संबंधित व्यवहार, जीवनशैली और जीर्ण रोग [मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कोरोनी ह्रदयरोग], साइको न्यूरोइम्युनोलॉजी [कैंसर, एच आई वी / एड्स]
  • मनोविज्ञान तथा प्रौद्योगिकी अंतराफलक: डिजिटल लर्निग, डिजिटल शिष्टाचार, साइबर दादागिरी, साइबर अश्लील साहित्य, उपभोग, निहितार्थ, डिजिटल सामग्री के उपयोग में मातापिता की मध्यस्थता।